Thursday, January 13, 2011

मेरी अम्मा....my mother...

मेरी अम्मा....

ये सही है की , माँ ही ईश्वर का सच्चा स्वरुप होती है . आज ही के दिन , करीब २३ साल पहले ;माँ मुझे छोड़कर चली  गयी थी .लेकिन मैंने हमेशा ही उन्हें अपने करीब पाया , अपने साथ पाया . उनकी दी हुई नम्रता की शिक्षा ,उनका आशीर्वाद और जीवन को जीने की कला ,सबकुछ आज भी मेरे साथ है और हमेशा ही रहेंगा . आज मैं जो कुछ भी हूँ , अपने माँ के आशीर्वाद के कारण ही हूँ.

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम अम्मा...




MY MOTHER.....

IT IS TRUE THAT MOTHER IS THE PUREST FORM OF GOD. EVERY TIME WHAT EVER I ACHIEVE , I LOOK AT HER AND THANK HER FOR EVERYTHING . WHATEVER I AM TODAY , I AM BECAUSE OF MY AMMA.... HER TEACHINGS , BLESSINGS ARE ALWAYS WITH ME. SOME 23 YEARS BACK
, TODAY SHE LEFT ME ...BUT I WAS NEVER ALONE . SHE WAS ALWAYS WITH ME..!!!

THANK YOU AMMA.